हर साल पेंशन धारकों के जीवित होने का सत्यापन किया जाता है। हर वर्ष सैकड़ों लोग पेंशन का सत्यापन नहीं करा पाने के चलते दफ्तरों के चक्कर काटते हैं। जीवित होने का प्रमाण बैंक में नहीं दे पाने के चलते उनकी पेंशन रुक जाती है। एक बार पेंशन रुकने पर उन्हें लंबे समय तक परेशान होना पड़ता है। कई जांच और उनकी रिपोर्टों के बाद दोबारा पेंशन शुरू हो पाती है। इससे निपटने के लिए पेंशन मंत्रालय ने यह नई व्यवस्था की है।केंद्रीय पेंशन, लोक शिकायत एवं कार्मिक मंत्रालय की ओर से अवर सचिव ने बीते दिनों इसको लेकर सर्कुलर जारी किया है। इसके तहत पेंशन जारी करने वाले सभी बैंकों को अपने एक अधिकारी को केंद्रीय पेंशन सेल में मनोनीत करना होगा। यह अधिकारी हर वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च में पेंशन सत्यापन की रिपोर्ट मंत्रालय को देंगे। बता दें कि बैंक हर वर्ष अक्तूबर से दिसंबर तक पेंशनरों का सत्यापन करते हैं।
सत्यापन अभियान के लिए बैंक पेंशन धारकों को जीवित होने का प्रमाणपत्र देने का मैसेज या ई मेल करते हैं। अब 30 नवंबर तक जो जीवित होने का प्रमाण पत्र नहीं दे पाएंगे उनकी एक दिसंबर को सूची तैयार की जाएगी। ऐसे पेंशन धारकों से बैंक संपर्क करेंगे और पूछेंगे कि उन्हें जरूरत है तो कर्मचारी उनके घर आकर उनका प्रमाण पत्र लेगा।